Wednesday 20 July 2011

जिंदगी का कायाकल्प करने वाली चंद आदतें

ऐसी आदतों के बारे में, जो कामयाब लोगों में पाई जाती हैं और नाकाम लोग जिनसे दूर रहते हैं। किस तरह कुछ आदतों को अपनाने से कामयाबी का रास्ता खुद-ब-खुद साफ होता जाता है, इसी बात को मैंने बेहद साफ और सरल तरीके से बताया है। वैसे, ज्यादातर लोगों का मानना है कि आदतों को छोड़ना या नई आदतें बनाना आसान नहीं है लेकिन अगर मन में ठान लें तो यह इतना मुश्किल भी नहीं है। मैंने सात आदतों की चर्चा की है, जिनके जरिए हम खुद को फिजिकल, सोशल, मेंटल और स्प्रिचुअल तरीके से बेहतर कर पाएंगे। ये आदतें हैं।
1. प्रो-ऐक्टिविटी यानी आगे बढ़कर फैसले लेना। यह आदत सबसे जरूरी है क्योंकि हमारे फैसले ही मुख्य रूप से हमारी जिंदगी की दिशा तय करते हैं। अपने फैसलों के साथ-साथ उनके नतीजों की जिम्मेदारी भी लें।
2. अंत को ध्यान में रखकर शुरुआत करें। कोई भी काम दो स्तर पर होता है, पहले मानसिक और फिर प्रैक्टिकली। यानी पहले मन में सोचें कि क्या करना है और फिर उसे करने के लिए कदम उठाएं। अपनी जिंदगी के मकसद, भूमिकाओं, कर्मों और रिश्तों पर ध्यान दें और इनके भविष्य के बारे में भी सोचें। इसे विजुअलाइजेशन भी कहा जाता है। एथलीट इसके सहारे ही आगे की रणनीति तय करते हैं।
3. प्राथमिकता तय करें। किसी भी काम को तकाजे के अनुसार न करके, उसकी जरूरत के मुताबिक करें। योजना बनाएं और उसके अनुसार अपने कामों की प्राथमिकता तय करें। जो काम जरूरी हो हो, उसे पहले करें क्योंकि सभी काम एक साथ नहीं हो सकते। इसी तरह अंतिम समय के लिए इंतजार करना भी बेकार है।
4. अपनी जीत की बजाय सबकी जीत पर फोकस करें। खुद अपनी उपलब्धि या जीत की बजाय खुद से जुड़े लोगों और टीम की जीत के मद्देनजर काम करें। आमतौर पर लोग समझते हैं कि अगर दूसरों को ज्यादा मिलेगा तो उन्हें कम मिलेगा। जिंदगी के बारे में यह सच नहीं है इसलिए आपसी फायदे के समाधान तलाशें। सबका फायदा होगा तो आपका भी फायदा होगा।
5. खुद को समझे जाने से पहले दूसरों को समझें। दूसरों को सुनने की आदत डालें। इससे आप उन्हें बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। ऐसा करने पर दूसरे भी आपको खुले दिमाग से समझने की कोशिश करेंगे। इस तरह आपसी समझ, प्रेम और इज्जत का माहौल कायम होगा, जो समस्या का सही समाधान मुहैया कराएगा।
6. पॉजिटिव टीमवर्क पर जोर दें। इसके जरिए लोगों की ताकत को एकजुट करें। इससे वे काम मुमकिन हो पाएंगे, जो कोई अकेला इंसान नहीं कर सकता। मददगार नेतृत्व और प्रेरणा के जरिए आप लोगों से बेहतर काम ले सकते हैं। यहां एक तरह से एक और एक ग्यारह का फॉर्म्युला समझाया गया है।
7. धार को पैना करें। अपने संसाधनों, ताकत और सेहत को तराशते रहें। इसके लॉन्ग टर्म फायदे होंगे
मैंने मोटे तौर पर आत्मनिर्भरता के साथ-साथ दूसरों पर निर्भरता की भी बात की है। इसमें दी गईं पहली तीन आदतें हमें आत्मनिर्भर बनाती हैं, उसके बाद की तीन आदतें दूसरों पर निर्भर और आखिरी आदत हमें पूरा करती है।
(दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव)

No comments:

Post a Comment